कानों में छेद करना क्यों ज़रूरी होता है?
Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert
कानों में छेद
कानों में छेद
दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि कानों में छेद करना क्यों ज़रूरी माना जाता है?
16 संस्कार
16 संस्कार
महर्षि वेद व्यास जी ने 16 संस्कार बताए हैं जिससे 9वां संस्कार कर्णवेध अथवा कानों में छेदन बताया गया है।
विचार और शक्ति
विचार और शक्ति
भारतीय चिकित्सकों के अनुसार कानों में छेद करने से विचार शक्ति, बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता बढ़ती है।
Hernia जैसी बीमारी
Hernia जैसी बीमारी
आयुर्वेद के मुताबिक कान में छेद करने से Hernia जैसी बीमारयों को मारा जा सकता है।
उदंडतापूर्वक व्यवहार
उदंडतापूर्वक व्यवहार
ऐसा कहा जाता है कि कान में छेद करने से बच्चों के बोलने में अवरोध और उदंडतापूर्वक व्यवहार कभी भी नहीं होता है।
वातोन्माद रोग
वातोन्माद रोग
मान्यता है कि कान में छेद करने से स्त्रियों का मासिक धर्म सुचारु रूप से चलता है और उन्हें वातोन्माद (Hysteria) जैसे रोग से भी बचाता है।
विद्युत प्रवाह
विद्युत प्रवाह
ऐसा कहा जाता है कि कान का छेद करने से शरीर के विद्युत प्रवाह और
अनवरत बक-बक
करने की आदत नहीं होती है।
चेहरे पर सुंदरता
चेहरे पर सुंदरता
ऐसा माना जाता है कि कानों में विभित्र प्रकार व धातु की बालियाँ पहनने से हमारे चेहरे पर सुंदरता भी बढ़ती है।
विकारों व बीमारियों से भी राहत
विकारों व बीमारियों से भी राहत
मान्यताओं के अनुसार कानों में छेद करने से कान से कई प्रकार के विकारों व बीमारियों से भी राहत मिलती है।
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