महाकुंभ का मेला 12 वर्ष में क्यों?

Deepak Kumar Saini - Vastu & Geopathy Coach & Expert

महाकुंभ मेला

दोस्तों आज हम आपको बताएँगे कि महाकुंभ का मेला 12 वर्ष में एक बार ही क्यों लगता है?

धार्मिक आयोजन

हिंदू धर्म के अनुसार महाकुंभ का मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है।

मुख्य स्थान

महाकुंभ का मेला मुख्य रूप से प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है।

समुंद्र मंथन

माना जाता है कि समुंद्र मंथन से जिन चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थी उन चार स्थानों पर महाकुंभ का मेला आयोजित किया जाने लगा।

मोक्ष की प्राप्ति 

मान्यता है कि जिन चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थी उन स्थानों पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

धार्मिक ग्रंथों

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति गृह विशेष राशि में होते हैं तब महाकुंभ मेला का आयोजन होता है।

धार्मिक मेला

मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ का मेला दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक माना जाता है।

भक्ति और सेवा

महाकुंभ के मेले में ज्ञान, भक्ति और सेवा का आदान-प्रदान भी होता है।

मेले में स्नान

मेले में स्नान

महाकुंभ के मेले में स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है और जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

अमृत कलश

अमृत कलश

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, देवताओं और असुरों के बीच अमृत कलश को लेकर 12 दिनों तक युद्ध चला और यह 12 दिन मनुष्यों के लिए 12 सालों के बराबर था इसलिए 12 साल में एक बार कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है।

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